मराठी वात्रटिका आणि कविता - विशाल मस्के
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सोमवार, २३ मार्च, २०२०
तडका - फरिश्ता
फरिश्ता
कोई फरिश्ता आएगा
हम सब को बचाएगा
छोडो अब ये ढीली सोच
ना कोई फरिश्ता आएगा
रहो घर पर बचाओ खुद को
और बचाओ एक एक रिश्ता
यहीं तो इंसानियत जरूरी है
अब बन जाओ खुद ही फरिश्ता
अॅड. विशाल मस्के
सौताडा, पाटोदा, बीड.
मो. ९७३०५७३७८३
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